भूमिका – संत रविदास जीवनी और भक्ति दर्शन का सार भारतीय संत परंपरा में संत रविदास का नाम अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ लिया जाता है। वे ऐसे संत थे जिन्होंने भक्ति को केवल पूजा तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे समानता और मानवता का प्रतीक बना दिया। उन्होंने सिखाया कि सच्चा धर्म वही […]
संत तुकाराम जीवनी – जीवन परिचय
भूमिका – संत तुकाराम जीवनी, भक्ति दर्शन और अभंग की महत्ता भारतीय भक्ति आंदोलन में अगर किसी संत ने जीवन की साधारणता को ईश्वर की महानता से जोड़ा, तो वह थे संत तुकाराम। उन्होंने भक्ति को मंदिरों और कर्मकांडों से निकालकर आम जन के हृदय में बसाया। तुकाराम जी ने यह दिखाया कि भक्ति का […]
महर्षि वाल्मीकि जीवनी (आदिकवि) – जीवन परिचय, वाल्मीकि रामायण और प्रमुख रचनाएँ
भूमिका – महर्षि वाल्मीकि जीवनी का संक्षिप्त परिचय महर्षि वाल्मीकि भारतीय साहित्य के महान रचनाकारों में से एक माने जाते हैं। उन्हें “आदिकवि” अर्थात् पहले कवि के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने संस्कृत साहित्य की नींव रखी। वाल्मीकि ने रामायण जैसी विश्वप्रसिद्ध महाकाव्य रचना की, जो न केवल हिंदू धर्म के लिए, बल्कि पूरी […]
संत सूरदास जीवनी – जीवन परिचय, कृष्ण भक्ति और भक्ति साहित्य में योगदान
भूमिका – संत सूरदास का जीवन परिचय, साहित्यिक महत्त्व और कृष्ण भक्ति भारतीय भक्ति आंदोलन की धारा में जब प्रेम और भक्ति अपने चरम पर पहुँच रहे थे, उसी समय एक ऐसी आवाज़ गूँजी जिसने भगवान कृष्ण के बालरूप को घर-घर तक पहुँचा दिया — वह आवाज़ थी संत सूरदास की।सूरदास अंधे थे, पर उनकी […]
संत मीराबाई जीवनी – जीवन परिचय, भक्ति यात्रा, पद और शिक्षाएँ
भूमिका – संत मीराबाई का जीवन परिचय और भक्ति दृष्टि भारतीय भक्ति आंदोलन की परंपरा में संत मीराबाई का नाम अमर है। वे उस युग की प्रतीक हैं जब स्त्रियों के लिए समाज में आवाज उठाना कठिन था, परंतु मीराबाई ने प्रेम और भक्ति की ऐसी मिसाल कायम की, जो आज भी करोड़ों लोगों के […]
संत कबीर दास जी का जीवन परिचय, शिक्षाएँ और दोहों की विरासत
भूमिका – कबीर दास का जीवन दर्शन, मानवता और एकेश्वरवाद संत कबीर दास जी भारतीय संत परंपरा के उन महान व्यक्तित्वों में से एक हैं जिन्होंने धर्म, समाज और मानवता के अर्थ को नए ढंग से समझाया। उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म मंदिर या मस्जिद में नहीं, बल्कि इंसान के दिल में बसता है। कबीर […]
गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय, शिक्षाएँ और सिख धर्म की विरासत
भूमिका – सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी: एकेश्वरवाद, समानता और सेवा का संदेश:- सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी थे। वे केवल एक धार्मिक ही नहीं बल्कि एक ऐसे संत थे जिन्होंने मानवता के लिए नया दृष्टिकोण दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि ईश्वर एक है, और […]
श्रील प्रभुपाद का जीवन परिचय, दर्शन और कृष्ण चेतना आंदोलन
श्रील प्रभुपाद के जीवन और कृष्ण चेतना के वैश्विक जागरण की शुरुआत :- बीसवीं सदी के मध्य में जब भौतिक प्रगति ने मनुष्य को तेज़ी से बाहरी सुखों की ओर धकेला तब एक शांत वैष्णव साधु ने पूरी दुनिया को स्वयं के अंदर की ओर मोड़ दिया। उनका नाम ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद था। उन्होंने […]
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, दर्शन और शिक्षाएँ
भूमिका – स्वामी विवेकानंद के दर्शन और संदेश से जागा भारत का आत्मविश्वास:- उस दौर में जब भारत अपनी आत्मा से दूर होता जा रहा था , एक आवाज़ उभरी जिसने सोए हुए राष्ट्र को झकझोर दिया । “उठो , जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य न मिल जाए ।” यह केवल […]
गोस्वामी तुलसीदास: जीवन, भक्ति और अमर विरासत
भूमिका – गोस्वामी तुलसीदास: भक्ति को लोकभाषा की पहचान देने वाले कवि:- सच कहें तो, गोस्वामी तुलसीदास उन संत कवियों में से एक हैं जिन्होंने हमारी भारतीय संस्कृति में भक्ति को असल मायनों में लोकभाषा की पहचान दिलाई। दरअसल, सोलहवीं सदी का वह दौर था जब संस्कृत में विद्या पढ़ना या जानना सिर्फ़ विद्वानों तक […]